Freelance Falcon ~ Weird Jhola-Chhap thing ~ ज़हन

Saturday, August 7, 2010

थम जा...





मैंने अपने आस-पास ऐसे बहुत से लोग देखे है जो थोड़े से मज़े या तारीफ़ के लिए ऐसे काम कर बैठते है की जिनकी वजह से वो अपनी और दूसरो की जान खतरे मे डाल बैठते है खासकर ऐसा सडको पर उन्मादी लोग करते है जिनको लगता है की उनकी तेज़ स्पीड सभी को इम्प्रेस कर रही है......but as they say "Speeding. No one thinks big of you."

मत प्यार कर रफ्तार से,
कुछ मज़ा ले इंतज़ार मे.
जीकर मिलेगी जीत जो,
मत बदल उसे इस हार से.
लानी है अगर रफ्तार तो...
उसको ला अपने संसार मे....

ये तेज़ दौड़ किस मतलब की?
दिखावा...वो भी "प्यार" मे?
मत बढा गम को गिरवी रख के ख़ुशी,
कुछ कद्र कर....ये है ज़िन्दगी...

देख जो लोग भीड़ मे पिसते...
हर एक से बंधे है ना जाने कितने रिश्ते..
दूसरो के लिए अपनी आँखें खोल,
किसी की मौत के बाद रिश्ते नहीं बिकते मोल...

जनून को दिल मे पाल,
मत चढा उसे सर पर...
बस एक गलती बनती है घर और शमशान का अंतर.

खुद को आजमाने के बहुत मौके आयेंगे,
सड़क पर चलते लोग रोज़ अपना काम करेंगे...
तेरी रफ़्तार देख कर थम नहीं जायेंगे....

अपने हुनर दिखाने की जगह पड़ी है कई..
सड़क पर लापरवाही जमती नहीं...

3 comments:

  1. जनून को दिल मे पाल,
    मत चढा उसे सर पर..

    These are the lines which i liked
    Otherwise i do enjoy the thrill of speed to some 'limit. And most of the time the youth are so pissed of the routine that they go for these cheap thrills.

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  2. बहुत अच्छा ..एक एक लाइन सच लिखी है...

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  3. Baba, yeh 'Message' aur 'Rhtyhm' se bhari poetic attempt bakhoobi nibahyi! Kai, baar emotions, speed increase mein bahut saath dete hain. Aur, yeh sab aapne badi khoobsurati se apni poem mein dikhaya hai.

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