Freelance Falcon ~ Weird Jhola-Chhap thing ~ ज़हन

Sunday, December 4, 2016

कद्र (काव्य कॉमिक #12) #Freelance_Talents


Kadr (Kavya Comic Series)

Deepjoy Subba (Illustrator), Mohit Sharma (Writer-Poet), Harendra Saini (Colorist), Youdhveer Singh (Letterer), Cover Artist – James Boswell

Intro Poem (2016), Comic Poem (2007), Cover Art (1939)
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बेटा जब बड़े हो जाओगे....
बेटा जब बड़े हो जाओगे ना...
...और कभी अपना प्रयास निरर्थक लगें, 
तो मुरझाये पत्तो की रेखाओं से चटख रंग का महत्त्व मांग लेना। 
जब जीवन कुछ सरल लगे,
तो बरसात की तैयारी में मगन कीड़ो से चिंता जान लेना।

बेटा जब बड़े हो जाओगे ना...
...और कभी दुख का पहाड़ टूट पड़े,
तो कड़ी धूप में कूकती कोयल में उम्मीद सुन लेना। 
जब सामने कोई बड़ी चुनौती मिले,
तो युद्ध में घायल सैनिक से साँसों की कीमत जांच लेना।

बेटा जब बड़े हो जाओगे ना...
...और कभी अहंकार का दंश चुभे,
तो सागर का एक छोर नाप लेना। 
जब कहीं विश्वास डिगने लगे,
तो कुत्ते की आँखों से वफादारी नेक लेना। 
कभी दुनिया का मोल पता ना चले,
गुरु की चिता पर बिलखते शिष्य में कद्र सीख लेना।

बेटा जब मेरी याद आये...
...तो अपने बच्चे को छाँव देती किसी भी माँ में मुझे देख लेना।

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कद्र (काव्य कॉमिक) अब Culture POPcorn वेबसाइट, Google Books-Play, Archives, Issuu, Ebooks Daily, Comicverse आदि पर उपलब्ध। 

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