Thursday, August 2, 2007

सच्चाई की सज़ा (कहानी)


खोजी पत्रकार जैकी डेरून और उनके सहयोगी रॉजर वॉटसन के अथक प्रयासों के बाद उन्हें पिछड़े एशियाई एवम अफ़्रीकी देशो में संसाधनो के लालच में विकसित देशो और प्रभावी बहुराष्ट्रीय सरकारी-निजी संस्थाओं द्वारा बड़े स्तर पर किये गए अपराधो, नरसंहारों के पुख्ता सबूत और रिकॉर्डिंग्स मिले थे। उनके इस अभियान के कारण उनके पीछे कुछ गुप्त संस्थाओं के जासूस और हत्यारे लग गए थे। चूहे-बिल्ली के इस खेल में कुछ हफ्तों से जैकी और रॉजर किसी तरह अपनी जान बचा रहे थे, आखिरकार वह दोनों ऑस्ट्रेलिया के पास एक मानवरहित द्वीप पर फँस गये।
रॉजर - "हमारे पास अब आधा घंटा भी नहीं है, किसी भी पल कोई युद्धपोत या विमान हमारे परखच्चे उड़ा देगा। क्या हमने इस दिन के लिए की थी इतने वर्षो मेहनत?"
जैकी - "इतना भी नकारात्मक मत सोचो, रॉजर। मैंने अपने कुछ जर्नलिस्ट दोस्तों को कई दस्तावेज़, तस्वीरें और सबूत मेल कर दी है। आज यहाँ आने से पहले मैंने दुनियाभर की दर्जनो वेबसाइट्स पर अपने डाक्यूमेंट्स अपलोड भी कर दिए है।"
4-5 मिनट्स बाद कोई युद्धपोत या लड़ाकू विमान नहीं बल्कि कुछ मोटरबोट्स में सोइयों कमांडोज़ आये।
जैकी (एक ख़ुफ़िया जासूस के पास आने पर) - "कोई फायदा नहीं हमने अपने कंप्यूटरस और गैजेट्स जला दिए है।"
जासूस - "दिमाग के पक्के हो पर तकनीक में कच्चे हो! अब टेक्नोलॉजी इतनी विकसित है कि केवल सिग्नल्स के बल पर हमने दुनियाभर में बैठे तुम्हारे 11 पत्रकार मित्र जिनको तुमने मेल्स भेजे को "प्राकृतिक मौत" मार दिया, लगभग वो सभी 150 वेबसाइट्स बंद करवाई या वो वेबपेजेस डिलीट किये जहाँ तुमने कुछ भी अपलोड किया था, वह भी सिर्फ 5 घंटो के अंदर।
रॉजर - "जब सब कुछ ख़त्म कर दिया, तो हमे ज़िंदा पकड़ने का क्या मतलब?"
मतलब बंदी रॉजर और जैकी को अगले दिन प्रेस कांफ्रेंस में पता चला।
"लक्ज़मबर्ग निवासी पत्रकार जैकी डेरून और उनके सहयोगी रॉजर वॉटसन को ऑस्ट्रेलिया में आदिवासी इलाके क़ि महिलाओं के यौन उत्पीड़न का दोषी पाया गया है। इस खुलासे के बाद दुनियाभर से 7 अन्य महिलाओं ने इन दोनों पर यौन हिंसा के आरोप लगाएं है।"
प्रेस कांफ्रेंस पूरी होने से पहले ही दोनों के विरुद्ध आक्रोशित भीड़ के नारे लगने लगे। कुछ-एक प्रदर्शनकारी तो पुलिस बैरियर तोड़ कर उन्हें पीटने लगे। दुनियाभर से उन्हें मृत्युदंड देने की मांग उठने लगी। उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था कि किस तरह बड़ी संस्थाएं, सरकारें अपने खिलाफ उठी आवाज़ों का इतनी क्रूरता से दमन करती है। उन्हें इस स्कैंडल में इसलिए डाला गया ताकि बाद में कभी अगर उनके नाम से कोई बचा हुआ दस्तावेज़, बात आदि कुछ उभरे तो लोगो में उनकी अपराधिक छवि के पूर्वाग्रह का फायदा उठाते हुए उन बचे-खुचे सबूतों को आसानी से नष्ट किया जा सके। अपना बाकी जीवन जैकी और रॉजर ने अमरीका की एक गुप्त जेल में अमानवीय यातनाएं सहते हुए काटा।
- मोहित शर्मा (ज़हन) ‪#‎mohit_trendster‬ ‪#‎mohitness‬ ‪#‎freelance_talents‬

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