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Saturday, July 8, 2023

एक लड़की जो कला और रंगों से जादू करती है - ज्योति सिंह (साक्षात्कार)


मोदीनगर निवासी ज्योति सिंह कई सालों से और कई विधाओं, शैलियों में कला के क्षेत्र में सक्रिय हैं। पेंटिंग, कॉमिक्स, डिजिटल आर्ट, कलरिंग में अक्सर उनका कोई न कोई काम प्रकाशित होता रहता है। वे एक फ्रीलांस आर्टिस्ट के तौर पर एक समय में कई प्रकाशनों के लिए काम करती रही हैं। ज्योति कई नए कलाकारों का मार्गदर्शन भी करती हैं। विश्व पुस्तक मेला 2023 में उनसे फिर मिलना हुआ और काफ़ी बातें हुई। 

Q. अपने परिवार के बारे में बताएं।

ज्योति - परिवार में माता पिता भैया भाभी हैं। पिताजी का फोटोग्राफी का बिज़नेस है और मां अध्यापिका हैं। पिताजी ने हमेशा बहुत प्यार किया है और करते हैं और मां तो फिर मां होती है । मुझे शिक्षित करने में मां ने हमेशा प्रेरित किया है। घर में सारे लोग बहुत caring and supportive हैं। 



Q. कला से लगाव कब से है और इस बीच आपको क्या क्या उपलब्धियां मिली?


ज्योति - बचपन से कला के साथ एक अलग रिश्ता रहा है। मैं बचपन से इंट्रोवर्ट रही हूं शांत रहती थी लेकिन peace of mind के लिए हमेशा आर्ट का सहारा लिया। कभी दुखी होती थी तो किसी को नहीं बताती थी बस पेपर पेंसिल मेरे लिए थेरेपी का काम करते थे। हालांकि इसे करियर की तरह नहीं सोचा था it was something i loved to do in my leisure time but when I was in my last semester of BBA मैंने कुछ फेमस आर्टिस्ट का काम देखा social media पर और उन्हें कॉपी करने की कोशिश की और धुन कुछ ऐसी लगी कि Institute of fine arts से एक साल का diploma कर लिया। और उसके बाद my hobby became my addiction. Mental peace achieve करने के साथ साथ मैंने नेशनल लेवल पर अलग अलग states में group exhibition में participate किया है जिसमे 15 से ज़्यादा certificates and medals हैं।

I have worked as a digital colorist with some renowned children book publishers while studying at college and currently doing digital colorist freelancing.



Q. आपके करियर में बड़ा बदलाव / टर्निंग पॉइंट कब आया?


ज्योति - After completing my post graduation I worked for an MNC for three years but उसकी वजह से आर्ट को ज़्यादा वक्त़ नहीं दे पा रही थी सिर्फ वीकेंड पर ही कुछ काम हो पाता था चूंकि मेरा रहना गुड़गांव में था तो ज़्यादा वक्त़ मिलता नहीं था लेकिन lockdown में मुझे आर्ट के साथ रिश्ता बहाल करने का मौका मिला और मैंने महसूस किया कि इसके अलावा कोई काम मेरे लिए ऐसा नहीं है जो मैं इतनी खुशी से कर सकूं जितना कि आर्ट तब से इसे फुल टाइम जॉब बना लिया। मैं समझती हूं ये मेरी ज़िंदगी या करियर का टर्निंग पॉइंट था।


Q. किन क्रिएटिव लोगों का आपके जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ा है?


ज्योति - बहुत से लोग रहे है जो ज़िंदगी के किसी न किसी मोड़ पर मेरी प्रेरणा बने हैं सब के नाम ले पाना मेरे लिए मुश्किल है मगर कुछ लोग हैं जिन्हें मैं समझती हूं कि अपनी फील्ड के माहिर लोग हैं और उनका impact मेरे ऊपर बहुत ज़्यादा है जिनमें Lalit Sharma ji, Pradeep Sherawat ji, Vijay Sharma ji, Jagdish Kumar Ji,  Dildeep Singh ji, Abhishek Malsuni ji, Hemant ji, Vinod uncle आदि है। 



 Q. अपने शहर मोदीनगर के बारे में कुछ बताएं। यहां की कौनसी बातें और जगहें आपको पसंद हैं?  


ज्योति - Honestly speaking मैंने मोदीनगर ज़्यादा explore नहीं किया है मगर कुछ ऐसी जगहें हैं जहां मैं अक्सर जाती रहती हूं उनमें से एक मशहूर मोदी मंदिर है जहां सुकून है शांति है cultural parks हैं यहां जहां मैं evening walk करती हूं। मोदी नगर में काफी अच्छे collages हैं। अब तो मेट्रो भी शुरू होने वाली है। I am happy कि मेरा शहर तेज़ी से तरक्की कर रहा है। 




Q. बहुत से आर्टिस्ट को पता नहीं होता कि वे नौकरी या काम के लिए कहां से सही शुरुआत करें, उनको आप क्या सलाह देंगी?


ज्योति - ये सभी के साथ होता है क्योंकि एक आर्टिस्ट आर्ट को बिजनेस समझ कर शुरू नही करता लेकिन वक्त के साथ उसे अहसास होता है कि वो अपने passion को profession में तब्दील कर ले। इसके लिए ज़रूरी है कि आप ये determine करे आप जॉब करना चाहते हैं या अपना आर्ट वर्क करना चाहते हैं। जॉब के लिए आपको market scenario पता करना पड़ेगा कि किस तरह की आर्ट relevent है कौन से courses और certificates आपके लिए helpful हो सकते हैं आपका forte क्या है linkedin नौकरी. कॉम जैसे पोर्टल्स पर कनेक्शन बनाना वगैरह मतलब कि बहुत कठिन है डगर पनघट की। मगर आपका कला के प्रति समर्पण ज़रूरी है । Everything thrives on gradually तो हो जायेगा करते करते। आर्ट के सफर का मज़ा लीजिए हो जायेगा you just need to be dedicated and aware about what you are upto. 



Q. ट्रेडिशनल आर्ट और डिजिटल आर्ट में से आपको क्या ज़्यादा पसंद है और क्यों?


ज्योति - हर फूल की अपनी खुशबू होती है इसलिए मुझे तो दोनों ही बहुत पसंद है। अलग तरह का फील है दोनो forms में । हालांकि शुरू शुरू में मुझे डिजिटल बिल्कुल पसंद नहीं था शायद इसलिए कि मेरा ज़्यादा वक्त पेंसिल पेपर के साथ बीता लेकिन अब मेरी सोच बदली है डिजिटल में आपके पास एक्सपेरिमेंट करने की आज़ादी है टाइम की बचत है कभी भी कर सकते हैं। Earning के chances डिजिटल में ज़्यादा और आसान हैं वहीं ट्रेडिशनल आर्ट में focus imagination time dedication आदि की ज़रूरत पड़ती है so i am comfortable in both forms now.



Q. कलरिंग करते समय आप किन बातों का ध्यान रखती हैं?


ज्योति - I m just a learner तो मैं आजकल सीख रही हूं कि theme के according कौनसे colour selection लेने चाहिए और grey scale पर कैसे काम किया जाता है. Story और mood के according कैसे colour choose करने चाहिए।



Q. आपके सबसे हिट प्रोजेक्ट्स कौनसे रहे हैं और आने वाले समय में आपके कौनसे प्रोजेक्ट्स आ रहे हैं?


ज्योति - मेरे लिए तो मेरी हर आर्ट मेरे दिल के करीब है लेकिन मैं समझती हूं कि आपका सबसे अच्छा काम वो है जिसमें आप अपने भाव को देखने वाले तक पहुंचाने में कामयाब हुए हैं। ऐसी ही एक painting जो मैंने अपने drawing room में लगाई हुई है भगवान कृष्ण और मीरा की । It was also my first painting on Canvas.


आने वाले प्रोजेक्ट्स की फेहरिस्त लंबी है मैने कई कॉमिक्स प्रकाशन के लिए cover page design किए है कई कॉमिक्स जिनकी कलरिंग मैंने की है आने वाले हैं लेकिन खास तौर पर मैं Reva 2 और shadow blade के लिए excited हूं।



Q. ऐसे आर्टवर्क या प्रोजेक्ट जो आपके दिल के करीब हों, लेकिन ज़्यादा लोगों तक नहीं पहुंच पाए?


ज्योति - जी हैं कुछ ऐसी पेंटिंग्स जो मैंने लॉकडाउन में बनाई है और कुछ पहले की भी है जो शायद अधूरी अधूरी ही हैं मुझे लगता है कि भविष्य में वो भी किसी exhibition का हिस्सा बनें। 



Q. आपकी पसंदीदा कॉमिक्स कौनसी हैं?


ज्योति - अब तो कॉमिक्स पढ़ने का मामला कम कम ही होता है ज़्यादा तर तो मैं उसके आर्टिस्टिक पहलुओं पर गौर करती हूं मगर बचपन में काफी कॉमिक्स पढ़ी हैं जिनमें चाचा चौधरी बिल्लू पिंकी ध्रुव नागराज वगैरा मेरी पसंदीदा कॉमिक्स रही हैं।



Q. आपकी सबसे मशहूर पेंटिंग के बारे में बताएं।


ज्योति - मेरे लिए तो मीरा और कृष्ण की पेंटिंग मेरी सबसे ज़्यादा मशहूर पेंटिंग है बहुत सारी exhibition का हिस्सा रही बहुत से लोगों ने इसे खरीदने की इच्छा ज़ाहिर की मगर मेरा इसे बेचने का बिल्कुल भी मन है क्योंकि मेरा मानना है कि आपका सबसे अच्छा काम आपके सामने होना चाहिए जिससे आपको और अच्छा करने का मोटिवेशन मिले तो फिलहाल ये पेंटिंग घर के ड्राइंग रूम की शोभा बढ़ा रही है।




Q. फुल टाइम जॉब और फ्रीलांस काम में क्या अंतर है और इनमें आप किसे बेहतर मानती हैं?


ज्योति - सबसे बड़ा अंतर आज़ादी का है फुल टाइम जॉब में आप एक schedule से bound होते है जबकि फ्रीलांस में अपनी साहूलत और शर्तों के साथ आप जीविका अर्जित करते हैं। लेकिन मैं नए आने वालों को मशवरा दूंगी कि वे ज़रूर जॉब करें ताकि उन्हें ज़्यादा लोगों से मिलने का और उनके काम को और उसे करने के तरीक़े को देखने का मौक़ा मिले। ये उनके लिए काफी फायदेमंद learning experience रहेगा। 



Q. कोविड-19 के बाद आपके जीवन में क्या बदलाव आए हैं?


ज्योति - सबसे बड़ा बदलाव तो ये कि nothing is permanent in this world इसी वजह से शायद मैं ज़्यादा down to earth हों रही हूं  चूंकि मैंने अपने करीबी लोगों को खोया है इसलिए अब ज़्यादा देर नाराज़ नहीं रहती किसी से। शायरी की तरफ झुकाव हुआ है जिसकी वजह से imagination level increase हुआ है। Work from home की वजह से आर्ट वर्क ज़्यादा कर पाई। Overall mixed experience रहा post कोविड 19। शायद इसी का नाम ज़िंदगी है सुख और दुख के समागम का नाम। बदलाव आए है लेकिन ज़रूरी ये है कि हम हर गुज़रते दिन के साथ अपने आपको सकारात्मक बदलाव की तरफ ले कर चलें।



Q. आर्ट के अलावा आप कुछ अन्य कम्युनिटी से भी जुड़ी हुई हैं, उनके बारे में बताएं।


ज्योति - जी आर्ट के अलावा और कुछ NGOs हैं जिनसे मैं जुड़ी हुई हूं जिसमें स्पाइनल कॉर्ड इंजरी से related awareness प्रोग्राम और दिव्यांग लोगों की मदद की जाती है। इसी तरह मोटिवेशनल मॉडलिंग भी करती रहती हूं मेरे साथ काफी लोग जुड़े हुए है जिनकी वजह से इस तरह के अच्छे कामों का मैं भी हिस्सा बन जाती हूं। मेरे कुछ मित्र para athlete international players भी है जिनकी वजह से sports events से भी जुड़ाव है।

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