Freelance Falcon ~ Weird Jhola-Chhap thing ~ ज़हन
Wednesday, August 25, 2010
ये उनका शहर है!
भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड कम्पनी के कारखाने से एक हानिकारक गैस का रिसाव हुआ जिससे लगभग 15000 से अधिक लोगो की जान गई तथा बहुत सारे लोग अंधापन के शिकार हुए. भोपाल गैस काण्ड विश्व इतिहास का ऐसा नासूर है जो हर दिसम्बर मे बहुत बुरी टीस देता है. हालाँकि, इस घटना से पीड़ित लोगो की संख्या लाखो मे है और वहाँ जन्म लेने वाले बच्चे अब भी अपंग पैदा होते है. मुझे ये नहीं जानना की किसकी गलती है है.....मुझे बस 26 सालो के दर्द की दवा और उन करोडो आंसुओ को पोछने वाले हाथ चाहिए जिनसे सत्ता और पैसे की गंध ना आये.
जब भोपाल गैस काण्ड के दोषियों की बात होती है तो ऐसा लगता है हर चीज़ उन्होंने खरीद ली है...शायद ये शहर भी! ये ग़ज़ल भोपाल गैस त्रासदी पर लिखी है.
ये उनका शहर है!
कातिल आँधियों मे किसका ये असर है?
दिखता क्यों नहीं है हवा मे जो ज़हर है?
चीखें सूखती सी कहाँ मेरा बशर है?
ये उनका शहर है....
धुँधला आसमां क्यों शाम-ओ-सहर है?
आदमखोर जैसा लगता क्यों सफ़र है?
ढलता क्यों नहीं है ये कैसा पहर है?
ये उनका शहर है....
जानें लीलती है ख़ूनी जो नहर है.
माझी क्यों ना समझे कश्ती पर लहर है?
हुआ एक जैसा सबका क्यों हषर है?
ये उनका शहर है...
रोके क्यों ना रुकता...हर दम ये कहर है?
है सबके जो ऊपर..कहाँ उसकी मेहर है?
जानी तेरी रहमत किस्मत जो सिफर है!
ये उनका शहर है....
इंसानों को तोले दौलत का ग़दर है!
नज़र जाए जहाँ तक मौत का मंज़र है!
उजड़ी बस्तियों मे मेरा घर किधर है?
ये उनका शहर है...
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लिक्खाड़ किस्म के जीव हो क्यूँ? ye main hun gaurav
ReplyDeleteKisi, real life tragedy ko shabdon mein byaan karna bahut hard kaam hai...Aur, tab jab wo, tragedy humare kisi close relative ya humare shehar par hi kyun na ho!
ReplyDeleteAapne, apne verses mein questions puch kar iss ghazal ko aur emotional bana diya. Jo cheezein hum, apni roz ki zindagi mein kisi se nahi puch pata..Iss, case mein 'System' se..Usse, shabdon mein likh kar yeh aapke best works mein se ek ban gaya..Hats Off!
bahut badhiya.....shabo me dard jhalakta hai........aaj bh waha yahi haal hai
ReplyDeletegosh this is PPP pretty powerful poetry
ReplyDeleteamazing amazing amazing and beautiful
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