Freelance Falcon ~ Weird Jhola-Chhap thing ~ ज़हन

Monday, October 10, 2011

"मरो मेरे साथ!" My Second eBook



क्या आत्मायें प्रतिशोध मे किसी विक्षिप्त की तरह बर्ताव कर सकती है? क्या आप आत्माओ को पागल कह सकते है?...शायद हाँ!

बांधव गाँव मे घूम रही है एक अतृप्त, पागल आत्मा जो मरने के बाद चाहती है अपनी मौत का बदला पर जो दोषी नहीं है उनसे कैसा बदला? वो देना चाहती है एक संदेश की "कभी किसी काम मे किसी का साथ मत दो और अगर दो तो...मरो मेरे साथ!"

This Horror Story, ebook is available free on Pothi.com channels and Smashwords networks.

Free ebook (Maro Mere Saath)

by Mohit Sharma "Trendster", मोहित शर्मा (ज़हन)

3 comments:

  1. नाम तो बहुत रोचक है, अभी कॉमिक्स पढ़ी नहीं वो भी रोचक ही होगी :)

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  2. Kapil Bhai, abhi to ye textual story hai. Baaki stories par comics jald hi laane wala hun.

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  3. this horror story is awesome maro mere saath rockzzz

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