Freelance Falcon ~ Weird Jhola-Chhap thing ~ ज़हन

Friday, January 25, 2013

वो कोई पीर रहा होगा... (Netaji Subhash Chandra Bose Tribute)


A Tribute to Netaji Subash Chandra Bose 

ग़ुलामी के साये मे जो आज़ाद हिन्द की बातें करता था...
किसी दौर मे खून के बदले जो आज़ादी का सौदा करता था...
बचपन मे ही स्वराज के लिये अपनों से दूर हुआ होगा...
बस अपनी सोच के गुनाह पर जो मुद्दतों जेल गया होगा...
वो कोई पीर रहा होगा....

क्या बरमा...अंडमान..
क्या जर्मनी...जापान...
शायद ये जहाँ था उसके लिए छोटा...
किसी दौर ने गोरो पर बंगाली जादू चढ़ते देखा होगा..
फरिश्तो ने जिसका सजदा किया होगा....
वो कोई पीर रहा होगा....

अंदर सरपरस्त साधू ....बाहर पठान का चोगा...
खुद की कैद को उसने अपनी रज़ा पर छोड़ा था..
अंग्रेजो की आँखों का धोखा....
कहाँ ऐसा हिन्द का हमनवां होगा..
वो कोई पीर रहा होगा...

जहान को कुछ बताने..रविन्द्र सी ग़ज़ल सुनाने...
या शायद धूप-छाँव का हिसाब करने ज़मी पर यूँ ही आ गया..
न उसके आने का हिसाब थ ..और न जाने का...
और कहने वाले कहते है वो 1945 के आसमां मे फ़ना हो गया...
काश रूस पर सियासी बर्फ़ न जमा होती...
अगर ये बात सच होती तो अनीता-एमिली की आँखों ने दगा दिया होगा...
गाँधी से जीतकर भी जिसने महात्मा को जिया होगा...
वो कोई पीर रहा होगा...

वाकिफ जिंदगी मे जो कभी रुक न सका....
गुमनामी मे दरिया पार किया होगा...
दूर कहीं या पास यहीं कितनी मायूसी मे मुल्क को जीते-मरते देखा होगा...
आज़ाद होकर अपने ज़हन से दूर हुआ होगा...
 वो कोई पीर रहा होगा...


 वो कोई पीर रहा होगा...

6 comments:

  1. such nice use of words...alfaz xD netaji subash chandra bose ji ko mein natmastak hun

    ReplyDelete
  2. sundar gazal,tribute diya hai mohit bhai

    ReplyDelete
  3. han wo koi pir raha hoga :D v. nice

    ReplyDelete
  4. very nice mohit. great tribute to netaji.

    ReplyDelete
  5. what an in-depth knowledge of the 'hero'
    very nice intermingling of hindi and urdu vocab.

    ReplyDelete