Second Book of Long Live Inquilab Series with new addition to the team in the form of talented Harish Atharv Thakur.
विद्रोह के हवन मे अरमानो की आहूती बरसों दी जाती ...
कितनी बहनें सूखी राखी मनाती ....
दीवारों के सहारे टिकी माँ महिनो का हिसाब भूल जाती ..
यारों की गलियाँ अरसों दीवाली-ईद कहाँ मानती ...
कभी मेरी तस्वीर से नज़रे मिलाना शायद जान जाओ ....आज़ादी कितनी महंगी है आती ...
कितनी बहनें सूखी राखी मनाती ....
दीवारों के सहारे टिकी माँ महिनो का हिसाब भूल जाती ..
यारों की गलियाँ अरसों दीवाली-ईद कहाँ मानती ...
कभी मेरी तस्वीर से नज़रे मिलाना शायद जान जाओ ....आज़ादी कितनी महंगी है आती ...
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