Freelance Falcon ~ Weird Jhola-Chhap thing ~ ज़हन

Wednesday, June 5, 2013

Behri Duniya (Fenil Comics)


शायद मेरी आह तुझे अखरने लगी ....
तभी अपनी रफ़्तार का बहाना बना मुझे अनसुना कर गयी ...
मेरा शौक नहीं अपनी बातें मनवाना,
किन्ही और आँखों को तेरी हिकारत से है बचाना !!

तुझसे अच्छी तो गली की पागल भिखारन.....
मुझे देख कर मेरे मन का हिसाब गढ़ लेती है ..
आँखों की बोली पढ़ लेती है ....

उम्मीदों से, लकीरों से ...
तड़पते पाक ज़मीरों से ....
इशारों से ....दिल के ढोल गँवारों से ...
कभी तो भूलेगी अपनी और मेरी कमियाँ,
मेरी बात सुनेंगी ....समझेगी  यह बहरी दुनिया!!

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Artwork - Soumendra Majumder, Manabendra Majumder
Calligraphy - Youdhveer "Warrior" Singh
Poetry and Script - Mohit Sharma (Trendster / Trendy Baba)
 

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