Freelance Falcon ~ Weird Jhola-Chhap thing ~ ज़हन

Saturday, December 12, 2015

3 Micro Fiction Experiments (Mohit Trendster)

Mohit Trendster's Micro Fiction Experiments (Youtube Playlist)


Micro Fiction Experiment # 01 - Theme: अपहरण (Kidnapping)


*) - बाहरी लोग सही कहते थे जंगली लोग जादू-टोना करते है। दो महीनों तक घने जंगल की गुमनामी में बंधक बना पर्यटकों का दल आज उन्हें बचाने आये कमांडोज़ और उनके अपरहरणकर्ता कबीले वालों के बीच में ढाल बनकर खड़ा था। 

*) - बब्बन पाशा चिंतित था। बड़े गुटों के कुछ आत्मघाती, अपहरण मिशन फेल हुए तो बिल उसके गिरोह के नाम फाड़ दिया गया। अब भारी सुरक्षा से उसने एक विदेशी राजनयिक को अगवा किया तो कोई मान के नहीं दे रहा उल्टा उसके आतंकी संगठन से मिलते जुलते नाम वाले संगठन को श्रेय दिया जा है खबरों में। 

*) - क्रोध में बिलबिलाता पर कुछ करने में असमर्थ मोज़ेस ठगा सा महसूस कर रहा था क्योंकि एक तो वह नास्तिक था और तो राजनीती वगैहरह में नहीं पड़ता था। बेचारा बस एक टेनिस मैच देखने आया था, वो भी जीवन में पहली बार। अब किन्ही धर्मों की लड़ाई में उसको क्यों किडनैप कर लिया गया। 

*) - विभोर ने बंदूकें फिल्मों में ही देखी थी। उसका मन थर-थर काँप रहा था जबकि बाहर से उसका स्थिर-शांत तन तरह-तरह की भाव भंगिमाओं से अपनी 4 साल की बच्ची का समस्या से ध्यान बँटाने और सब ठीक हो जाने का दिलासा देने में लगा था। 

*) - किटकिटाते दांतों से खुद को गरियाने की कोशिश करती गरिमा सोच रही थी कि जहाँ भाग कर आयी उस वीराने में इस दन्त-कुड़कुड़िया सर्दी से बेहतर तो वो गुंडे ही रख रहे थे। 

*) - बंगले के बाहर जमा किडनैपर गुट का मकसद हत्या नहीं था, पर दंगों से उबर रहे शहर में अफवाहें ज़ोरो पर थी। दुछत्ती में छिपे परिवार के अन्य सदस्यों की जान बचाने के लिए माँ ने रो रहे नवजात का गला घोंट दिया। 

*) - अब उसे पता चला कि गिरोह के सरगना ने बंधक से आँखें मिलाने को क्यों मना किया था। जाने क्यों अपने किडनैपर को भी उम्मीदों से देख रहीं थी वो आँखें...कसम से अगर 2 क्षण उन आँखों में और देख लेता तो साइड बदल कर उन्ही का हो जाता। 
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Micro Fiction Experiment # 02 - Theme: Science


*) - कृतिम रूप से लैब में निर्मित चींटी, दल में घुसपैठ करने के बाद समझ नहीं पा रही थी कि उसकी प्राकृतिक बेवकूफ बहनो में मेहनत और अनुशासन की इतनी सनक क्यों सवार है। 
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*) - रोज़ाना ज़िन्दगी से छोटे-बड़े समझौते करते हुए जिस प्रयोग में उसने अपना जीवन समर्पित कर दिया, जब वह लगभग पूर्णता पर था...तब खबर आयी कि वैसा ही प्रयोग दुनिया के किसी साधन-संपन्न वैज्ञानिक ने कर दिया है। 
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*) - जो प्रजातियां प्रयोग के लिए चाहिए थी, असिस्टेंट उनके बजाये दिहाड़ी मज़दूर ले आया। 
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*) - जेनेटिकली मॉडिफाइड क्रॉप्स (जनुकीय परावर्तित अन्न) फ़ल-सब्जी के सेवन पर व्रत में मनाही थी। सूखा ग्रस्त क्षेत्र में भी उस भोजन का आधार जीवाणु की कोशिका का मांसाहार अंश धर्म-भ्रष्ट करने को काफी थी। 
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*) - जिस हथियार के आविष्कार से उसे विश्व में नाम, मान-सम्मान मिला.....बाद में उसे बनाने की ग्लानि में ही उसने अपनी जान ली। 
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*) - आज को जिन युगों ने इतनी रफ़्तार दी, खैरात में मिली उन रफ्तारों के योग पर सवार यह पीढ़ी पुराने युगों की धीमी रफ्तारों का कितनी आसानी से मज़ाक बना लेती है!
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Micro Fiction Experiment # 03 (नासमझ इतिहास)


*) - अठारवीं सदी की बात है, दुनिया के सबसे दुर्गम नोलाम द्वीप पर तब तक कोई मानव नहीं पहुंचा था। 

*) - बेहतर जहाज़ों और तकनीकों के बल पर दुनिया के तीन शक्तिशाली देशों में वहाँ सबसे पहले पहुँचने की होड़ लगी थी। 

*) - एक देश द्वारा दल भेजे जाने की खबर के तुरंत बाद बाकी दोनों देशों ने भी आनन-फानन में अपने जहाज़ी दस्ते रवाना किये। 

*) - देश A और देश C लगभग एकसाथ वहां पहुंचे। संचार का कोई माध्यम ना होने के कारण अब एक ही रास्ता बचा था। 

*) - A और C के जहाज़ी दलों में एक दूसरे को समाप्त करने के विध्वंसक युद्ध छिड़ गया। 

*) - कुछ घंटो बाद आखिरकार देश C के दल ने देश A के क्रू को ख़त्म करने के साथ-साथ उनका जहाज़ डुबो दिया।

*) - दल C के कप्तान और 4 सदस्य ज़िंदा बच पाए, तभी उन्हें देश B का जहाज़ आता दिखा। 

*) - अब दुनियाभर  में इतिहास की किताबों में पढ़ाया जाता है कि दुर्गम नोलाम टापू पर सबसे पहले देश B के लोग पहुँचे। 
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