जुग जुग मरो सीरीज की पहली कविता और कॉमिक्स के संगम से बनी काव्य कॉमिक्स, "मुआवज़ा" शराबियों और सरकार पर कटाक्ष है, जो अपने-अपने नशे में चूर पड़े रहते हैं और जब तक उन्हें होश आता है तब कुछ किया नहीं जा सकता। अपना मन बहलाने के लिए कड़े कदम और राहत की मोक ड्रिल की जाते है और फिर सब पुराने ढर्रे पर लौट आते हैं। मुश्किल सामने पड़ी चुनौतियाँ नहीं बल्कि उनसे निपटने की नियत रखने में है। समाज का एक तबका इतना व्यर्थ माना जाता है कि 10 जाएं या हज़ार मजाल है जो समाज ठिठक तक जाए।
चित्रांकन - अभिलाष पांडा
काव्य, पटकथा - मोहित शर्मा ज़हन
रंग - हरेन्द्र सैनी, ज्योति सिंह
शब्दांकन - युद्धवीर सिंह
कवर - कादिर नाकिप्लर
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" रविवार 22 जनवरी 2017को लिंक की गई है.... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
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