Freelance Falcon ~ Weird Jhola-Chhap thing ~ ज़हन

Thursday, October 16, 2025

किताबों के बीच, इंसानों की कहानियाँ...

कुछ दिन पहले फ्लाईड्रीम पब्लिकेशंस के बेहतरीन इवेंट “किताबें ज़रा हटके उत्सव” का हिस्सा बनने का अवसर मिला। सत्यवती कॉलेज, दिल्ली के शांत-सुंदर प्रांगण में कदम रखते ही जैसे एक कल्पनाओं का अलग ही संसार इंतज़ार में था। 

इस बार अंतर बस इतना था कि किताबी कल्पनाओं की जगह कल्पनाओं को रचने वाले महान लेखक, कवि, प्रकाशक और कलाकार सामने थे - श्री परशुराम शर्मा, श्री समीर गांगुली, श्री योगेश मित्तल, श्री रूपेश कुमार, श्रीमती सुमन वाजपेयी, श्री राम पुजारी, श्री अभिलाष दत्ता, श्री देव प्रसाद, श्री नृपेंद्र कुमार शर्मा, श्री मनमोहन भाटिया, श्री विकास नैनवाल, श्रीमती नेहा अरोरा, श्रीमती नम्रता सिंह, श्री समीर घोषाल, श्री मेषू कांबोज, श्री अनमोल दुबे, श्री सौम्य मोहन शर्मा, श्री सर्वेश कुमार, श्री प्रांजल सक्सेना, श्रीमती शोभा शर्मा। 

सभी सत्र एक से बढ़कर एक थे। ऐसा लग रहा था साहित्य के हर पहलु को छूने की कोशिश की गई हो। नेहा अरोरा जी ने बेहतरीन ढंग से कहानी सुनाकर समां बाँध दिया। 

एक सत्र में मुझे भी संदीप मुरारका जी और साकेत कुमार जी के साथ बनाई अपनी कॉमिक सीरीज पर अनमोल दुबे के साथ मंच पर बात करने का मौका मिला। ये कॉमिक्स भारतीय आदिवासी समाज से निकली महान हस्तियों के संघर्ष की कहानी बताती हैं। इनमें से भज्जू श्याम जी और गुलाबो सपेरा पर आधारित कॉमिक्स प्रकाशन के लिए तैयार हैं।





इवेंट के दौरान नितीश झा, अमिताभ मिश्रा, प्रिंस आयुष, मोहनीश कनौजिया, नावेद रोहिल्ला खान, व्योम, कंचन ठाकुर, आदित्य वत्स, राजू गोयल आदि साथियों से लंबी बातचीत हुई। टीम ‘सोल टॉक’ द्वारा काव्य समापन मनोरंजक रहा। फ्लाईड्रीम्स के स्टॉफ़ और वॉलंटियर टीम ने बहुत अच्छा काम किया।

अंत में फ्लाईड्रीम्स के दफ़्तर लौटकर भी बातों का सिलसिला जारी रहा। इस शानदार आयोजन को करने वाले मिथिलेश जी, जयंत जी और बाद में जाने वाले कुछ साथियों के साथ भोजन हुआ। फिर देव प्रसाद और अभिलाष दत्ता ने आम सी बातों से ऐसा हास्य का माहौल बनाया कि काफी समय बाद मैं हँस-हँस के पागल हो गया। ....और इस तरह किताबें ज़रा हटके उत्सव हमेशा के लिए एक यादगार इवेंट बन गया।

#ज़हन

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