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Monday, February 22, 2021

'धन्यवाद' के थोक विक्रेता - लेखक मिथिलेश गुप्ता

लेखक मिथिलेश गुप्ता का रचनात्मक सफर बचपन से ही चालू था। हालांकि, पढ़ाई और फिर नौकरी की वजह से वे अपने कलात्मक शौक जैसे कि लेखन, गायन, नृत्य आदि को ज़्यादा समय नहीं दे पाते थे। आखिरकार, 2015 में उनकी पहली किताब हॉरर थीम वाली "वो भयानक रात" प्रकाशित हुई, जिसका बाद में कॉमिक संस्करण भी आया और साथ ही अगला भाग 11:59 भी प्रकाशित हुआ। उन्होंने 'जस्ट लाइक दैट' और 'तेरी इश्क वाली खुशबू' से रोमांटिक थीम की नब्ज़ पकड़ी। इस बीच कुछ किताबों का संपादन भी किया। 2019 से एक निजी इंटरनेट रेडियो कंपनी में काम कर रहे हैं।

अब उनकी नई किताब 'ऑक्सीजन ऑफ़ लाइफ' प्रकाशित हुई है। इस किताब की ख़ास बात बस यही है कि मिथिलेश, अपनी पहली प्रकाशित किताब के आने से भी पहले इस टाइटल और कहानी की बातें किया करते थे। एक के बाद एक उनकी किताबें आती रहीं, लेकिन उन्हें मलाल रहता कि जो कहानी दिल के सबसे पास है और जिसे सबसे पहले कहना था वह इतने सालों से टल रही है।

...एक बात और है उनमें कि वे काफ़ी काम खुद ही निपटा लेते हैं पर फिर पूरा होने के बाद होलसेल में धन्यवाद बांटते हैं। मतलब ऐसा कि ढूंढ-ढूंढकर शुक्रिया। ऑफिशियल शुक्रिया, ग्रुप में शुक्रिया, पेज पर शुक्रिया...पेस्ट करने के बाद कुल्ला करते हुए शुक्रिया। नई किताब का पहला संस्करण बिकने की मिथिलेश जी को एक बार फिर से...धन्यवाद...मेरा मतलब बधाई!

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6 comments:

  1. अरे भाई। धन्यवाद आपका भी थोक में सर जी।। 😊😊😊💐

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  2. सार्थक शीर्षक...धन्यवाद ऐसा माल है जिसका थोक कभी खत्म नहीं होता...और दो तो ग्राहक लेने के लिए बार बार आता है....😂😂😂😂 वैसे लेखक ने अपने मंच का बाखूबी इस्तेमाल किया है....धन्यवाद उन्हें भी....ऑक्सीजन जल्द ही पढ़ी जाएगी...

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