राम जन्मभूमि पर बच्चों और आम जन के लिए आसान शब्दों की मेरी इस कविता पर यह ऐनिमेशन की प्रस्तुति देखना बड़ा सुखद लगा। आशा है आपको यह काव्य और एनिमेशन पसंद आएगा।
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अबसे दीपावली पर दिये कुछ ज़्यादा झिलमिलाएंगे,
5 शताब्दी बाद राम जी वापस अपने घर आएंगे।
सारे देश की इच्छा का रखा आपने मान,
सबसे बड़ी अदालत के फैसले का किया सम्मान,
तब अयोध्या में संभव हो पाया रघुपति राघव राजा राम।
अयोध्या का हुआ पावन श्रृंगार,
सरयु और तटों पर फिर लौटी बहार।
अबसे दीपावली पर दिये कुछ ज़्यादा झिलमिलाएंगे,
5 शताब्दी बाद राम जी वापस अपने घर आएंगे।
पर्यटन का बड़ा विकल्प बनाया,
करोड़ों लोगों को उनका तीर्थ लौटाया।
कागज़ों-किस्सों से धूल हटाई,
समुदायों की दूरी घटाई।
दिलों से दिलों को मिलाया,
हर किसी को उसका हक़ दिलाया।
अबसे दीपावली पर दिये कुछ ज़्यादा झिलमिलाएंगे,
5 शताब्दी बाद राम जी वापस अपने घर आएंगे।
आस-पास के क्षेत्रों में बोये विकास के बीज,
धरा से संभावनाएं छूने लगीं क्षितिज।
सपनों की नगरी को हकीकत में बसाया है,
जहां कहा था...मंदिर वहीं बनाया है,
अफवाहों को काम से उड़ाया है!
राम जन्मभूमि का वायदा निभाया है।
पीढ़ियों ने बलिदान दिया,
ऐसा न अब से पहले न अब के बाद होगा,
जाने क्या अच्छे काम किए हमने,
जो राम मंदिर हमारी आँखों के सामने साकार हुआ।
इस मौके पर हाथ बढ़ाएं,
कुछ भी कम नहीं ...
जो भी दिल से संभव हो वह योगदान कर जाएं।
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#ज़हन
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