
हमारे देश की सरकारी कार्यप्रणाली पर एक व्यंग.
विभागीय सर्वेक्षण से पता चला की नीले लंगूर की प्रजाति को है खतरा,
वन विभाग मे हमेशा की तरह सन्नाटा रहा पसरा.
ना जाने रिपोर्ट ने कितनी धूल खायी?
विभाग की मेजों पर महीनो उछलती फ़ाइल किसी तरह मंत्रालय आयी.
मंत्रालय ने जांच को कमिटी बैठायी,
जो बैठी रह गयी.
पता चलने पर पेटा (PETA) ने बताया की नीला लंगूर खतरे मे नहीं है,
क्योकि वो भारत मे तो क्या दुनिया मे कहीं नहीं पाया जाता.
यह जानकर सरकार हैरत मे आयी...
काले मुह को नीला किसने बताया....
इसकी जांच को नयी कमिटी बैठायी.
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