Freelance Falcon ~ Weird Jhola-Chhap thing ~ ज़हन
Sunday, August 15, 2010
देश माँगे 'मुझे'
मलीन बस्तियों के पास.....
दिन के उजाले को "रोशन" करती स्ट्रीट लाइट्स है चिढाती.
भूख से बिलखते बच्चो के बगल मे......
किसी नयी फ़ूड चेन के प्रमोशन मे लगी स्टाल मुँह बनाती.
दुकान पर काम करते किसी "छोटू" की बेबसी...
अक्सर मेरी खिल्ली उडाती.
दूर गाँव मे अभी भी किसी की चिठ्ठी न पहुँच पाती.....
और शहर मे किसी किशोर के मोबाइल पर डाउनलोडेड रिंगटोंस ताने मार कर जाती.
रोज़ कितने ही बेगारी मे मरते....
पर किसी फिल्मस्टार की बीमारी सबको फ़िक्र मे लाती.
मेरे देश को मेरी ज़रुरत है....
ये सब बातें शायद मुझे यही याद दिलाती.
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उम्दा!!
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस के मौके पर आप एवं आपके परिवार का हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएँ.
सादर
समीर लाल
Shaandaar ..
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